मम्मी के आगे, दिया और जिन्न, भी बेकाम, बस मम्मी ही आए, घर, और हमारे काम। मम्मी के आगे, दिया और जिन्न, भी बेकाम, बस मम्मी ही आए, घर, और हमार...
समाज की वर्तमान परिस्थिति को दिखाती हुई एक रचना समाज की वर्तमान परिस्थिति को दिखाती हुई एक रचना
आँधी उठेगी जब कभी विद्रोह की कुचल कर रख देगी वह शैतान को। आँधी उठेगी जब कभी विद्रोह की कुचल कर रख देगी वह शैतान को।
हाँ, ईश्वर और सत्य के सामने ही करूँगा जी हुजूरी ! हाँ, ईश्वर और सत्य के सामने ही करूँगा जी हुजूरी !
चेहरे पे नक़ाब रखने वालों की कमी नहीं, रोते हैं सबके सामने पर आँखों में नमी नहीं, चेहरे पे नक़ाब रखने वालों की कमी नहीं, रोते हैं सबके सामने पर आँखों में नमी ...
माता- पिता का करना सम्मान पर उसमे भी लाना कोई अरमान माता- पिता का करना सम्मान पर उसमे भी लाना कोई अरमान